अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट में अडाणी ग्रुप पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडाणी ग्रुप के विदेशी फंड में सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की हिस्सेदारी है।

इसके साथ ही, सेबी और अडाणी ग्रुप के बीच मिलीभगत का भी आरोप लगाया गया है।

माधबी पुरी बुच और धवल बुच ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है।

उनका कहना है कि उन्होंने कुछ भी नहीं छिपाया और आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है।

अडाणी ग्रुप ने भी इन आरोपों को निराधार बताते हुए इसे साजिश करार दिया है।

कंपनी का कहना है कि आरोपों का उद्देश्य केवल मुनाफा कमाना और छवि को धूमिल करना है।

इस मामले ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है और तीखी बयानबाजी शुरू हो गई है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ हो सकता है।

अब सवाल उठता है कि इन खुलासों के पीछे असली खेल क्या है और क्या यह भारतीय बाजार को प्रभावित करने की साजिश का हिस्सा है?